भारत के अगले उपराष्ट्रपति कौन हो सकते हैं?
भारत के मौजूदा उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की अटकलों के बीच यह चर्चा तेज़ हो गई है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन हो सकता है। अगर वास्तव में इस्तीफा होता है, तो राष्ट्रपति द्वारा चुनाव की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जा सकती है। ऐसे में संभावित उम्मीदवारों के नाम राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन चुके हैं।
🔴 उपराष्ट्रपति पद के लिए संभावित नाम (2025 या जल्द):
1. हरिवंश नारायण सिंह
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वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति हैं।
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जेडीयू से हैं लेकिन एनडीए का समर्थन करते हैं।
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संयमित और विद्वान छवि है।
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बिहार से हैं, क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए अहम नाम।
2. स्वामी परमानंद महाराज / कोई प्रमुख संत / आध्यात्मिक नेता
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2024 के बाद बीजेपी हिंदुत्व और सांस्कृतिक एजेंडे को और मज़बूत करने के संकेत दे रही है।
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ऐसे में किसी आध्यात्मिक व्यक्ति को उच्च संवैधानिक पद पर लाना एक रणनीतिक चाल हो सकती है।
3. डॉ. के. लक्ष्मण (तेलंगाना से)
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बीजेपी के दलित नेता और OBC चेहरा।
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दक्षिण भारत में पार्टी की पकड़ बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है।
4. अनुराग ठाकुर
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युवा चेहरा, हिमाचल से आते हैं।
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अगर मोदी कैबिनेट से उन्हें बाहर किया जाता है, तो उन्हें उपराष्ट्रपति पद दिया जा सकता है।
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पार्लियामेंट्री अनुभव और मीडिया प्रबंधन की कुशलता है।
5. राम माधव / अरुण सिंह / ओम माथुर (RSS पृष्ठभूमि वाले नेता)
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बीजेपी के पुराने संगठनात्मक चेहरे हैं।
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राज्यसभा के अनुभव के साथ-साथ पार्टी की विचारधारा को मजबूती दे सकते हैं।
6. ओम बिरला (अगर स्पीकर पद छोड़ते हैं)
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वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष हैं।
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यदि उन्हें हटाया जाता है, तो संतुलन के लिए उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता है।
🔵 विपक्ष की ओर से संभावित नाम:
1. गुलाम नबी आज़ाद (अगर सर्वसम्मति की कोशिश हो)
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अनुभवी और संयमित नेता।
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जम्मू-कश्मीर से हैं, एक क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व भी मिलेगा।
2. मल्लिकार्जुन खड़गे (अगर वह इस्तीफा देते हैं)
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दलित चेहरा।
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विपक्ष एकजुट होकर समर्थन दे सकता है।
उपराष्ट्रपति चुनाव में चयन कैसे होता है?
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राष्ट्रपति के चुनाव से अलग, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों (लोकसभा + राज्यसभा) के सदस्य मिलकर करते हैं।
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कुल वोटिंग संख्या = लगभग 780 सांसद (543 लोकसभा + 245 राज्यसभा सदस्य)
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बीजेपी और उसके सहयोगियों के पास अब भी बहुमत है, इसलिए NDA समर्थित उम्मीदवार की जीत संभावित है।
निष्कर्ष:
यदि जगदीप धनखड़ का इस्तीफा होता है, तो यह पद फिर से बीजेपी/एनडीए के लिए रणनीतिक नियुक्ति का अवसर होगा। ऐसे में हरिवंश, के. लक्ष्मण या ओम बिरला जैसे नाम सबसे प्रबल दावेदारों में हैं। विपक्ष एकता दिखाए तो वह भी कोई बड़ा नाम ला सकता है, लेकिन अभी भाजपा की संख्या बल के चलते उसका उम्मीदवार ही चुना जाना तय है।

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